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Thursday, 20 April 2017

जल संरक्षण

जल    संरक्षण 
         भू -जल अमूल्य हैं, इसका अपव्यव न करें   
जल प्रकृति का वह अनुपम उपहार हैं जिसके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती हैं. किसी  जिव या 
वनस्पति के लिए वायु के बाद जल, जीवन रक्षा के  लिए अति आवश्क्य हैं. यही कारण हैं की विश्व की समस्त सभ्यताओं के विकास में जल की उपलभ्धता का विशेष महत्त्व रहा हैं.
वर्तमान में पृथ्वी पर मात्र ०-३ भाग ही साफ और शुद्ध जल रह गया हैं. जल  एक ऐसा संसाधन हैं जिसका 
सर्वाधिक उपयोग हम अभी तक नहीं कर पाए है.
                                                     











जल हि जीवन है, इसका संरक्षण करिए 
      यदि हम अपनी जीवन प्रणाली को उचित दिशा में विकसित करे तथा जल स्त्रोतो के प्रति अपनी जिम्मेदारियां समझ ले तो जल की समस्या काफी हद्द तक काम हो  जाएगी। हमेशा ध्यान में रखे और घरेलु  उपयोग में पानी को बचने के अन्य तरीके सोचे. पानी के मीटर को देखने की आदत डाले और यदीपानी का उपयोग सामान्य से अधिक मालूम होता हो तो पता लगाए की ऐसा क्यों हो रहा है.

यह करे 
  • स्नान करते समय शॉवर कम समय तक उपयोग करे
  • स्नान के समय साबुन व शैम्पू करते समय शावर को बंद कर दे.
  • बर्तन मांजते समय नल बंद रखे,जब धुलना हो तभी नल खोले.
  • अपने बगीचे को अधिक पानी से न भरे,एक पर्याप्त वर्षा होने पर बगीचे को १५ दिनों तक पानी की आवश्यकता नहीं होती.  

यह न करे    
  • कपड़ो को हाथ से धोते समय बहते पानी का प्रयोग न करे.
  • सार्वजानिक स्थानों पर क जल को बर्बाद न करे.
  • फसलों की सिंचाई अधिक न कर. 
  • खरपतवार व् घास पानी को सोख लेते है,उन्हें बढे नहीं देते


हमेशा जल संरक्षण की बात ध्यान में रखे और यथा संभव पानी की बर्बादी न करे और दुसरो को भी  करने दे.